Khusi Ka doura chal hi rha tha Zindagi mai! Tabhi Musibato ne gher liya tha!! Sabak zindagi ka liya hi tha abhi abhi! Muskilo ki dour ne Jina hi sikha diya !!
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Showing posts from November, 2017
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मैनें मेरे एक दोस्त को फोन किया और कहा कि यह मेरा नया नंबर है, सेव कर लेना। उसने बहुत अच्छा जवाब दिया और मेरी आँखों से आँसू निकल आए । उसने कहा तेरी आवाज़ मैंने सेव कर रखी है। नंबर तुम चाहे कितने भी बदल लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं तुझे तेरी आवाज़ से ही पहचान लूंगा। ये सुन के मुझे हरिवंश राय बच्चनजी की बहुत ही सुन्दर कविता याद आ गई.... "अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीददार हम होंगे। तुझे ख़बर ना होगी तेरी कीमत, पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे॥ "दोस्त साथ हों तो रोने में भी शान है। दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है॥" "सारा खेल दोस्ती का हे ए मेरे दोस्त, वरना.. जनाजा और बारात एक ही समान है।" सारे दोस्तों को समर्पित.!
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*मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ,_* *आसमाँ से ज्यादा ज़मीं की कद्र जानता हूँ।* *लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधियाँ,* *मैं मग़रूर दरख़्तों का हश्र जानता हूँ।* *छोटे से बड़ा बनना आसाँ नहीं होता,* *जिन्दगी में कितना ज़रुरी है सब्र जानता हूँ।* *मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली,* *छालों में छुपी लकीरों का असर जानता हूँ।* *कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना,* *क्योंकि आख़िरी ठिकाना मेरा मिट्टी का घर जानता हूँ।*